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एवरेस्ट पर पिथौरागढ़ की शीतल ने फहराया तिरंगा


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Lucknow:उत्तराखंड की शीतल ने दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर गुरुवार को तिरंगा फहराने में कामयाबी हासिल की। शीतल ने गुरुवार सुबह 6 बजे माउंट एवरेस्ट पर पहली बार अपने कदम रखे। करीब 15 मिनट तक माउंट एवरेस्ट पर रहने के बाद शीतल नीचे उतरीं। खास बात यह रही कि जिस समय बेटी ने एवरेस्ट पर झंडा फहराया, उस समय उसके पापा गांव में गेहूं काट रहे थे। एवरेस्ट फतह करने के मामले में पिथौरागढ़ के ही लवराज धर्मशक्तू के नाम सबसे अधिक छह बार का रिकॉर्ड दर्ज है। लवराज के ही गृह जिले से निकलकर अब शीतल ने भी एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा दिया है। शीतल मूल रूप से पिथौरागढ़ के सल्मोड़ा (जाजरदेवल) गांव की निवासी हैं। शीतल के ट्रेनर योगेश गर्ब्याल ने बताया कि शीतल को ओएनजीसी ने स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप में रखा है। ‘क्लाइंबिंग बियोंड दि समिट : माउंट एवरेस्ट एक्सपेडीशन 2019’ के तहत 2 अप्रैल को भारत से निकले थे। 13 मई को बेस कैंप से समिट की शुरुआत की थी। बीती बुधवार रात्रि 9 बजे शीतल अपने कनाडाई साथी और दो शेरपाओं के साथ 8000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप 4 साउथ कोल से एवरेस्ट के लिए निकली थीं। गुरुवार सुबह 6 बजे शीतल और उसकी टीम माउंट एवरेस्ट पर पहुंचीं और तिरंगा लहराया। इसके बाद शीतल और उनकी टीम ने वापसी की और कैंप दो तक पहुंच गए। बताया कि इस अभियान का मकसद महिलाओं को जागरूक करना और एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना है।   बर्फीले तूफान से उड़ गए थे टैंट  गर्ब्याल ने बताया कि शीतल ने उनको बताया था कि जब वो कैंप टू में थे तो फेनी का असर वहां तक नजर आया था। तेज बर्फीले तूफान के कारण कैंप दो में टेंट डैमेज हुए थे। किसी तरह टेंट को टीम में शामिल पांच लोगों ने पकड़ कर रखा था।   ट्रेनिंग के लिए चुनी थी पंचाचूली की पहाड़ी एवरेस्ट, कंचनजंघा फतह कर चुके धारचूला निवासी योगेश गर्ब्याल ने बताया कि शीतल बीते एक साल से इस अभियान के लिए तैयारी कर रही थीं। 2018 में कंचनजंघा एक्सपेडिशन की कामयाबी के बाद शीतल ने ट्रेनिंग शुरू की। इसके लिए कुमाऊं की मुश्किल माने जाने वाली पर्वत शृंखला पंचाचूली का चयन किया। बताया कि शीतल हर रोज  दारमा और व्यास घाटी में 20 किलो वजन के साथ हर दिन 8 से 9 घंटे तक चलती थी। कंचनजंघा फतह करने वाली युवा पर्वतारोही दुनिया की तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत कंचनजंघा में फतह करने वाली दुनिया की सबसे युवा पर्वतारोही के रूप में भी शीतल का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। शीतल ने 22 वर्ष 10 महीने 23 दिन की उम्र में ओएनजीसी के ‘मिशन कंचनजंघा एक्सपीडिशन 2018’ के तहत कंचनजंघा पर तिरंगा फहराया था। शीतल की पढ़ाई जीआईसी सातसिलिंग पिथौरागढ़ और स्नातक पिथौरागढ़ डिग्री कॉलेज से हुई है। एनसीसी के दौरान शीतल को पर्वतारोहण के क्षेत्र में आने का मौका मिला। इसके बाद एचएमआई दार्जिलिंग से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स करने के बाद जेआईएम पहलगाम से एडवांस कोर्स किया। साल 2014 में एनसीसी एक्सपेडिशन में रुद्रगेरा, 2015 में देव टिब्बा और 2016 में माउंट त्रिशूल में 7100 मीटर ऊंचाई तक समिट किया था। साथ ही साल 2017 में ओएनजीसी की टीम के साथ माउंट स्टोक कांगरी 6060 मीटर और सतोपंथ 6800 मीटर तक चढ़ चुकी हैं। The post एवरेस्ट पर पिथौरागढ़ की शीतल ने फहराया तिरंगा appeared first on Everyday News.
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